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कॉलगर्ल

3 आसमान में उड़ने की हमेशा से उसकी ख्वाईश रहीं थी। मुंबई हॉस्टल में रहकर एक ड्रामा इंस्टिट्यूट में वो ज्वाइन हुई थी। बड़ी बहन शहर की एक नामी कंपनी में अच्छी सैलरी पर जॉब कर रही थी। उसने कभी भी किसी बात की कमी लवलीन को महसूस नहीं होने दी थी। पापा की छत्रछाया को वह बचपन में ही गँवा चुकी थी। उसकी बीमार माँ जो वही कंपनी में वर्कर्स के लिए कुकिंग डिपार्टमेंट संभालती थी, उसकी सेवा और अच्छे बिहेवियर के कारण कंपनी ने उसके बाद बड़ी बेटी को जॉब पर रख लिया था। भाई था पर ना होने के बराबर। अपने इकलौते बच्चे की मृत्यु के बाद उसकी बीवी छोड़ कर चली गई थी। उसका बच्चा पैदा होने के तुरंत बाद ही इस दुनिया से चल बसा, तो उसका ईश्वर पर से भरोसा उठ गया। उसने दारू के नशे में  अपनी हालत बदतर बना दी थी। कभी भी उसने मुड़कर अपनी बहनों और मम्मी का ख्याल नहीं किया। परिस्थिति जरा भी ठीक नहीं थी। दारू पीने के बाद वह घर में सबको अनाप-शनाप बोलता था। उसने अपने छोटे भाई बहन की कभी भी दरकार नहीं की। अपने ऐसे बर्ताव से परिवार को क्या-क्या भुगतना पड़ेगा। उसने कभी नहीं सोचा था। ऐसे ही एक दिन गाली-गलोच में किसी ने उसके पेट में छुरा घुसा दिया । दोनों बहनों की सांसें फूल गई। उसे तुरंत हॉस्पिटल में एडमिट किया गया। वह जिस परिवार को नफरत करता था उसी परिवार ने उसे हॉस्पिटल पहुंचाया। दोनों बहने खूब रो रही थी, क्योंकि वह अच्छी तरह जानती थी उनका भाई ऐसा नहीं था। खुद के लिए वह इतना लापरवाह तो बिलकुल भी नहीं था। आज की उसकी ऐसी हालत के लिए दोनों को उस पर तरस आ रहा था। बड़ी ने कहा, "भाई जो होना था वह तो हो गया अब तू क्यों अपनी जिंदगी खत्म करने पर तुला है? अपने छोटी बहनों का तो ख्याल कर!" पर वो चुप हो गया था। बहन जो कुछ भी कह रही थी उसका कुछ भी असर उस पर नहीं हो रहा था। हॉस्पिटल की बेड पर जैसे एक लाश पड़ी थी। जिंदा लाश। उसके बाद बड़ी बहन ने उसके पीछे बहुत पैसे लगाए। जिंदगी में जिस इंसान को जीने उम्मीद ही ना हो उसे डॉक्टर भी कभी ठीक नहीं कर सकते हैं। क्योंकि साइंस कहता है ठीक होने के लिए इंसान की इच्छाशक्ति कितनी पावरफुल है वह बात उसके लिए काफी इंपॉर्टेंट साबित होती है। आखिर अपने छोटी बहनों को दुनिया में तन्हा छोड़ कर वह चला गया। घर में बड़े पुत्र की मृत्यु के बाद मां बुरी तरह टूट गई थी। दोनों बहने खूब रोई, क्योंकि भाई था तो कम से कम पिता की भांति सर पर छत तो थी। लवलीन अब अभ्यास छोड़कर अपने परिवार की आर्थिक हेल्प करना चाहती थी। क्योंकि आज-तक सारी जिम्मेदारियां बड़ी ने उठा रखी थी। कभी भी उसने अपनी निजी जिंदगी के बारे में विचार नहीं किया था। वह तो यह भी भूल गई थी कि वो एक लड़की है। उसके भी बहुत सारे अरमान है। उसको भी श्रृंगार करना है। उसे भी किसी के साथ की जरूरत है। उसे भी शर्माना अच्छा लगता है। उसे भी अपनी आंखों की हया छुपाना अच्छा लगता है। पर यह सब उसके लिए रेत के महल की तरह था। बरस मुट्ठी में फंसी रेत की तरह हाथ से निकल रहे थे। अब जिंदगी भर की तन्हाई और वीरान जिंदगी के खोखले रण में उसकी जिंदगी को डूबने नहीं देना था। इस उम्र में अगर उसे किसी का साथ मिल जाता है तो उससे बड़ी खुशी लवलीन और उसकी मां के लिए कोई नहीं थी। बड़ी बेटी 'ना- ना'कहती रही और लवलीनने  अपना स्टडी रोक कर जॉब के लिए इधर-उधर हाथ पैर पसारे। लवली के लिए उसकी खूबसूरती उसका प्लस्पॉइंट थी। एक ऐसा चेहरा जिसे हजारों की भीड़ में पहचाना जा सकता था। एक ऐसा नूर जो लाखों लोगों को अपनी ओर खींचने में समर्थ था। अडाजन पर टाटा मोटर्स के एक भव्य शोरूम पर उसे जॉब मिली। उसकी वाकपटुता और काम के लिए उसके उत्साह के कारण देखते ही देखते वह अच्छा कमाने लगी। शोरूम के हेड  के साथ पूरा स्टाफ उसकी रिस्पेक्ट करने लगा था। मगर उसकी प्रगति उसके साथ काम करने वाली दो लड़कियों को वो जरा भी पसंद नहीं थी। वह एक-एक कदम संभाल कर रखती थी। कभी भी किसी काम में कोई कमी ना रह जाए। घर में किसी को बताए बिना ही उसने बहन का बायोडाटा एक मैरिज ब्यूरो को भेज दिया था। और उसी मैरिज ब्यूरो की बदौलत कनाडा से उसके लिए एक रिश्ता आया। उनके साथ लवलीन की बातचीत हुई। फिर घर में मम्मी और बड़ी बहन से बात हुई। लवलीन  की बात सुनकर बड़ी बहन खूब गुस्सा हुई। क्योंकि इस परिवार की वह जिम्मेदार मेम्बर थी। अगर वह खुद शादी करके विदेश में चली जाती है तो परिवार को कौन संभालेगा? इसी सोच के कारण आज तक उसी ने कभी इस बारे में सोचा ही नहीं था। पर लवलीन जिद करके बैठ गई। अगर बड़ी बहन शादी नहीं करती है तो वह भूख हड़ताल पर उतर जाएगी। बड़ी बहन लवलीन के गुस्से से अच्छी तरह वाकिफ थी। उसकी समझ में यह बात आ गई थी कि अब उसे घरवाले विदेश भेज कर ही छोड़ेंगे। आखिरकार उसने 'हाँ' कह दी। लड़के का परिवार दिल्ली का था। उनको यहाँ बुलाकर शादी फिक्स कर दी गई। जब घर में मंडप लगा था, उस दिन बड़ी बहन लवलीन के गले लग कर खूब रोई थी। रोते हुए उसने कहा भी था। "मेरी शादी करके मुझे तुम सबसे अलग कर रही हो, ये तुम अच्छा नहीं कर रही लवलीन!" लवलीन की आंखें भी भर आई थी। उसका गला भर आया। सीसकते हुए वह बोली, "तू हम सब की फिक्र मत कर पगली ! अपने दांपत्य जीवन में आगे बढ़कर सुखी होगी इससे बड़ी खुशी हमारे लिए कोई नहीं हो सकती! मैं हूं ना.. सब कुछ हैंडल करने के लिए!" जबकि किसे पता था भविष्य में क्या छुपा है किसी को पता नहीं है। बड़ी को विदेश भेजकर वह फिर से जॉब पर लग गई। तकरीबन एक महीना हुआ था।

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3 Comments

Varsha_Upadhyay

30-Sep-2023 10:25 PM

Nice one

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HARSHADA GOSAVI

30-Sep-2023 07:09 AM

Awesome part

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Gunjan Kamal

28-Sep-2023 07:54 AM

बेहतरीन भाग 👏👌

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